आयुर्वेद के अनुसार, शिलाजीत में 85 तरह के मिनरल्स होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से हुई है। गर्मी के मौसम में सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है। इसी पदार्थ को शिलाजीत कहा जाता है। ज्यादातर लोग शिलाजीत को केवल मर्दानगी बढ़ाने वाली आयुर्वेद औषधि मानते हैं। यह सत्य भी है। शोधों में साबित हो चुका है कि शिलाजीत के सेवन से मर्दाना ताकत को बढ़ाया जा सकता है। यह पुरुष और स्त्री दोनों के लिए फायदेमंद है। इसका सेवन शरीर का बल देकर उसे स्वस्थ, शक्तिशाली तथा पुष्ट बनाना होता है। इसका सेवन महिलाओं के अनियंत्रित मासिक धर्म में फायदेमंद साबित होता है। शिलाजीत शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से भी रोकती है। इसका सेवन स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी कारगर सिद्ध होता है। शिलाजीत में न्यूरोप्रोटेक्टिव के गुण मौजूद होते हैं जिस वजह से यह अल्जाइमर रोग में भी लाभकारी साबित होता है। Source : Manisha Jayswal
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