एक आम निवेशक की कहानी समझते हैं। एक निवेशक है ' राजू ' जिसने 100 से ज्यादा कंपनियों की बैलेंस शीट, प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट, कैशफ्लो स्टेटमेंट इत्यादि पढ़कर और समझकर कुछ 10 ऐसी कंपनियों का चयन किया जिन्हे वो लम्बी अवधि के लिए खरीद सके । उसने यह भी देख लिया की भारत के जाने माने बड़े बड़े निवेशकों ने और म्यूच्यूअल फंड्स ने भी उसके चयन किये हुए कंपनियों के शेयर खरीद रखे हैं। इस से उसका आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ गया है। अब राजू ने हर कंपनी के 1 लाख रुपये के शेयर खरीद लिए। कुल मिलाकर 10 कंपनियों में उसने 10 लाख रुपये निवेश कर दिए। अब वह शान्ति से बैठ गया की उसने 'लम्बी अवधि' के लिए निवेश कर दिया है और उम्मीद करता है की उसके निवेश पर वह अच्छे रिटर्न्स कमा लेगा। 1 साल तक सब सही हो रहा होता है, बाज़ार में तेज़ी चल रही है, सेंसेक्स बढ़ रहा है, उसके निवेश किये हुए 10 कंपनियों में से 6–7 कंपनियां भी अच्छा मुनाफा दे रहे हैं। राजू बहुत खुश है। लेकिन अगले साल शुरू होती है 'मंदी' । राजू को लगता है की यह छोटा मोटा करेक्शन है। राजू अपनी पढ़ी हुयी किताबों (द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर) की बातें द...
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