आपने शेयर बाज़ार में दिलचस्पी ली है और सीखना चाहते हैं, तो शुरुआत तो आपने कर ही दी है.
कुछ आवश्यक स्टेप्स बताऊंगा, आपने यदि पहले से नहीं लिए है, तो कृपया ध्यान से इन बिन्दुओं पर कार्यवाही कीजिये.
पहला स्टेप: आप के पास यदि पैन कार्ड (PAN Card) नहीं हो तो कृपया बनवा लीजये. आजकल पैन कार्ड बनवाना तो बैंक में खाते खुलवाने जैसा सीधा साधा है.
दूसरा स्टेप: एक अपनी पसंद से अच्छा ब्रोकर चुन लीजिये जैसे मोतीलाल ओसवाल, एंजेल ब्रोकिंग, ज़ेरोधा, शेयरखान इत्यादि. बाज़ार में बहुत से उपलब्ध हैं.
तीसरा स्टेप: अपना एक डीमैट (Demat) अकाउंट कहीं भी खुलवा लें. आप अपने बैंक से भी अनुरोध कर सकते हैं. SBI या ICICI बैंक एवं अन्य बहुत से बैंक में भी यह सुविधा है.
चौथा स्टेप: थोडा थोडा पठन पाठन करना शुरू कीजिये. शेयर बाज़ार से सम्बंधित वेबसाइट सर्फ करना शुरू कीजिये, थोडा बहुत ज्ञान टी वी से लेना भी कोई बुरा नहीं है. किताबें, समाचार पत्र, यू ट्यूब, कोई सेमीनार में भाग लेने का मौका मिले या आजकल वेबिनार का दौर है ज़रूर अटेंड करें, कहने का मतलब ये है की अन्य जो भी माध्यम सुविधाजनक हो, सीखने की कोशिश करें. हम तो आज भी सीख ही रहे हैं. वैसे भी यहाँ पूर्ण ज्ञानी कोई नहीं है, सभी सीख ही रहे होते हैं, और सही बात है सीखना कभी भी बंद नहीं होना चाहिए. खैर..
पांचवा स्टेप : इसके बाद आप धर्य से एक कागज़ और पेन लेकर बाज़ार की अपनी पसंद की कुछ 10 से 20 कंपनियां चुने जिसमे कुछ बड़े नाम जैसे मारुती, बजाज, आयशर मोटर्स, ब्रिटानिया, रिलायंस, एयरटेल, इनफ़ोसिस इत्यादी भी लिख लेवें और प्रतिदिन इनके शेयर भाव नोट करना शुरू करें, दिन में भाव कितना ऊंचा और कितना नीचा गया, और किस भाव पर बंद हुआ, इसे भी नोट करिए. इस उतार चढ़ाव की वजह भी पढ़िए बहुत सी वेबसाइट उपलब्ध हैं जैसे मनी कण्ट्रोल, इकनोमिक टाइम्स इत्यादी.
छटवां स्टेप : अब आपको बाज़ार के उतार चढ़ाव समझ आने लगेंगे. आपको अपनी सूची में से कुछ एक नाम विशेष तौर पर अच्छे परफॉर्म या खराब परफॉर्म करते दिखने और समझ में आने शुरू हो गये होंगे. कुछ और सप्ताह यू ही अपना ज्ञान बढ़ाते रहें और अपनी रणनीति भी बनाते जाइये की यदि मै निवेश करता तो कितने समय के लिए निवेश करता, कितना फायदा मेरा लक्ष्य होगा या कितना नुकसान झेल सकता हूँ. फिर मौखिक या वर्चुअल तौर पर ही (वास्तविक नहीं) रु 10000 के कुछ शेयर किन्ही दो या तीन कंपनियों के कुछ शेयर खरीदें और देखें की किस भाव पर वो ऊपर या नीचे गए, किस भाव पर वो बंद हुए और यही पैसे कितने बढे या घटे. अगले दिन चुपचाप यही नोट करें और कुछ दिन यूं ही देखें. आपकी हिम्मत बढ़ेगी आपको लगने लगेगा की बस यही वो शेयर है जिसे मुझे निवेश करना है, बस यहीं से शुरुआत कीजिये और बस ताक में रहिये, ट्रिगर लगाइए की वो शेयर आपकी पसंद के भाव पर आप खरीद पायें. अगर शेयर आपका टारगेट भाव छूता है तो वो शेयर आपका हुआ. इसके बाद जब आपको लगे की निवेश में ठीक ठाक बढ़ोतरी हुई है, तो कुछ शेयर बेच भी डालिए और शेयर बाज़ार से पहला मुनाफा भी चखिए. हालाँकि इसका ठीक उल्टा भी हो सकता है और फायदा तो दूर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. खैर यही तो आपको सिखाएगा की आपका शेयर का चुनाव कैसा था. यहीं आप निर्णय ले पाएंगे की लम्बी अवधी क निवेश ठीक रहेगा या छोटी छोटी अवधी के निवेश.
इन सबके बीच शेयर मार्किट के दिग्गज गुरु श्रीमान वारेन बफेट की ये उक्तियाँ आपको ज़रूर याद रखनी होगी की "स्टॉक मार्किट, पैसे अधैर्यवान से धैर्यवान की तरफ जाने का एक साधन है"
गलतियों से सीखिए ज़रूर, बस यही सब कुछ बाज़ार दोहराता है. पहला कदम विश्वास के साथ उठाइए और शुरू कीजिये, मेरी शुभकामनायें आप सभी के लिए.
शुक्रिया
Source : Farooq Ahmed
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