चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में कंगाली आने के पांच संकेत कौन से हैं जिन्हें देखते ही सतर्क हो जाना चाहिए?
वैसे जीवन में कंगाली आने के बहुत से कारण हो सकते है पर क्योंकि आपने चाणक्य नीति के अनुसार पूछा है तो जवाब भी ठीक वैसे होगा जैसा चाणक्या नीति में बताया गया है.
- घर में क्लेश होना: चाणक्य जी ने कहा है की जिस घर में रोज़-रोज़ क्लेश होता है वहां कंगाली आना तय है. ये आर्थिक कमज़ोरी का संकेत है. कहते हैं जिस घर में रोज़ रोज़ क्लेश होता है वहाँ लक्ष्मी जी निवास नहीं करतीं।
- पूजा पाठ ना करना: जिस घर में नियमित पूजा पाठ नहीं होता वहां हमेशा दरिद्रता बनी रहती है. पूजा पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा बहार जाती है और सकारात्मक ऊर्जा अंदर आती है.
- बुजुर्गो का अपमान: जहाँ बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता, उस आदमी के जीवन में कंगाली का आना तय है. जीवन में बुजुर्गों का आशीर्वाद बहुत ज़रूरी है.
- कांच का टूटना: चाणक्य नीति के अनुसार जिस घर में कांच टूटता है वहां भी दरिद्रता आती है. यही कारण है की कांच का टूटना अशुभ माना जाता है. इसलिए टूटते कांच को जल्द से जल्द बाहर फेंक देना चाहिए।
- तुलसी के पौधे का सूखना: हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का अपना महत्व है. तुलसी के पौधे का ना सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि इसका औषधीय महत्व भी है. नीति शास्त्र के अनुसार जिस घर में तुलसी का पौधा सूख रहा है वहां की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है. अगर ऐसा है तो उस इंसान के जीवन में कंगाली आ रही है.
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